ऋषि खोजें

ऋग्वेद में वामदेवः के 5 संदर्भ मिले

त्वा युजा नि खिदत्सूर्यस्येन्द्रश्चक्रं सहसा सद्य इन्दो। अधि ष्णुना बृहता वर्तमानं महो द्रुहो अप विश्वायु धायि ॥२॥


अहन्निन्द्रो अदहदग्निरिन्दो पुरा दस्यून्मध्यन्दिनादभीके। दुर्गे दुरोणे क्रत्वा न यातां पुरू सहस्रा शर्वा नि बर्हीत् ॥३॥